Patna : गंगा नदी में घटते जल स्तर से निकल रहे टापू
बढ़ती तपिश के कारण जलस्तर घटने से गांधी घाट से घाट नंबर 93 के बीच गंगा नदी में कई जगहों पर जमीन निकल आयी है. इससे नाव से दियारे की ओर जाने में समय भी अधिक लग रहा है.
संवाददाता, पटना : बढ़ती तपिश का प्रभाव गंगा नदी पर भी दिखने लगा है. गांधी घाट से घाट नंबर 93 के बीच गंगा नदी में कई जगहों पर जमीन निकल गयी है. इससे नाव से दियारे की ओर जाने में समय भी अधिक लग रहा है. कई जगहों पर घूम कर जाना पड़ता है. विशेषज्ञों का मानना है कि नदी किनारे कंस्ट्रक्शन का भी काम चल रहा है. इस वजह से गंगा नदी जहां दस साल पहले बहा करती थी, वहां अब नहीं बह सकेगी. हालांकि, इस सीजन में आमतौर पर जलस्तर का घटती है और बरसात में फिर से बढ़ जाता है. दीघा घाट किनारे यार्ड में लगी नाव पर चढ़कर बच्चे गंगा नदी में आसानी से छलांग लगाकर नहाते दिखे. वहीं, घाट नंबर 93 से लेकर गांधी घाट तक गंगा नदी काफी दूर जा पहुंची है. इसमें एलसीटी व कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा नदी सबसे दूर बह रही है. इसके चलते खाली जमीन रेगिस्तान की भांति दिख रही है. इससे शहर की हवा भी प्रभावित हो रही है. दोपहर में लू चलने के दौरान नदी किनारे की धूल-मिट्टी हवा में मिल जा रही है, क्योंकि यहां की मिट्टी सबसे हल्की मानी जाती है. इससे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 342 के करीब जा पहुंचा.
अब घाटों से दूर हुई गंगा नदी की धारा
हाल ही में श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र में आयोजित ‘आइडियाथॉन’ प्रतियोगिता में छात्र जय आदित्य ने क्लाइमेट चेंज पर काबू पाने पर टिप्स देते हुए तीसरे स्थान हासिल किया. उन्होंने बताया कि आज से करीब 10 साल पहले गंगा नदी बांसघाट के राजेंद्र स्मृति पार्क की बगल से बहती थी. लेिकन वर्तमान में यहां गंगा नदी डेढ़ से दो किलोमीटर आगे बह रही है. इसी तरह की समय शहर के अन्य गंगा घाटों पर भी देखने को मिल रही है.